अपने डर को बदल दें  “खुशी”  में

अपने डर को बदल दें “खुशी” में

हर रोज आपके पास ऑप्शन होता है कि आप डर कर जीएं या फिर खुलकर जीएं । नए सपने देखने और उन्हें पूरा करने के डायरेक्शन में काम करने के बजाय हम हर रोज किसी न किसी डर के साये में जीते रहते हैं और अपनी खुशियों का गला घोंटते रहते हैं । आप चाहे…