डिप्रेशन (Depression) या अवसाद, आओ बात करें, क्या है, पहचान के लक्षण, कारण एवं उपचार। #Depression, #symptoms
डिप्रेशन (Depression) या अवसाद, सिर्फ मन की एक स्थिति ही नहीं , एक जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।
World Health Organization ( WHO ) द्वारा स्वास्थ्य की परिभाषा के अनुसार:
“स्वास्थ्य वह अवस्था है, जिसमे व्यक्ति अपने आपको शारीरिक, मानसिक, सामाजिक ओर आध्यात्मिक रूप से सुखी महसूस करता है । इस तरह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वस्थता भी स्वास्थ्य के बहुत उपयोगी है।“
डिप्रेशन (Depression) पे हमारी शार्ट वीडियो के माध्यम से इसके पहचान की सम्पूर्ण जानकारी पाएँ।।
डिप्रेशन (depression अवसाद ) मानसिक बीमारियों मै से एक है जो सिर्फ मानसिक कमजोरी , सुस्ती ,व्यक्तिगत असफलता या इच्छा शक्ति की कमी का परिणाम नहीं है।
डिप्रेशन देवी –देवताओ के प्रकोप , भूत –प्रेत ,जादू –टोना आदि के परिणाम स्वरूप नहीं होता। अन्य शारीरिक बीमारियों की तरह ही डिप्रेशन के भी मानसिक एवं शारीरिक लक्षण पाये जा सकते है। डिप्रेशन का प्रभावी इलाज अवश्य हो सकता है ओर सुखद जीवन जी सकते है ।
डिप्रेशन (अवसाद Depression ) किसे कहते है ? आओ बात करें !!
सामान्य तौर पर डिप्रेशन (अवसाद ) को निम्न संदर्भ मै प्रयोग किया जाता है :
- लंबे समये तक लगातार और नकारात्मक सोच या दु :खी मनोदशा ,जो किसी के भी जीवन को कई तरह से प्रभावित करती है या
- जिन गतिविधियों मे व्यक्ति रुचि और खुशी पाता था उनमें दिलचस्पी न रहना ।
प्रत्येक व्यक्ति समय –समय पर डिप्रेशन और उदासी का अनुभव करता है। कई लोग एक बार या ज्यादा लेकिन अपने आपमे छोटी और सीमित अवधि के लिए डिप्रेशन का अनुभव तो करते ही है । जब इस तरह की संवेदनशीलता या भावुकता अधिक समय तक रहती है ,व्यापक होती है और बार –बार सामने आती है तब व्यक्ति डिप्रेशन से प्रभावित हो सकता है ।
डिप्रेशन depression मानसिक कमजोरी या चारित्रिक दोष की निशानी नहीं है। डिप्रेशन सुस्ती ,कमजोरी व्यक्तिगत असफलता या इच्छा शक्ति की कमी का परिणाम नहीं है। हालांकि डिप्रेशन शब्द के कई अर्थ होते है, मनोचिकित्सा के संदर्भ मै रोगी द्वारा उनकी भावात्मक पीड़ा की अनुभूति का वर्णन किया जाता है और इस अर्थ मै यह एक लक्षण – समूह है ।
डिप्रेशन depression के मुख्य लक्षण क्या हैं ?
डिप्रेशन आम तौर पर पाई जानी वाली चिकित्सीय बीमारी (medical illness) है जो बहुत ही विशिष्ट लक्षण रखती हैं । डिप्रेशन मै कुछ निम्न लक्षण होते हैं । प्रत्येक व्यक्ति मै एक जैसे ही लक्षण नहीं होते है । डिप्रेशन के लक्षण किसी भी अन्य बीमारियों की तरह व्यक्तिगत रूपसे भिन्न हो सकते हैं ।
1 . मानसिक लक्षण :
भावनात्मक और व्यावहारिक लक्षण:
- लगातार उदासी या खालीपन (दो सप्ताह से अधिक के लिए ) । यह एक मुख्य प्रकट और विशिष्ट लक्षण हैं ।
- असंगत ग्लानि महसूस करना ।
- मिजाज का आगा –पीछा होना ।
- आसान बात भी भूल जाना ।
- कमजोर एकाग्रता , अन्यमनस्कता , अनिश्चितता ।
- उन गतिविधियों मैं रुचि न लेना जिनमे पहले थी ।
- अकेलापन महसूस करना, भावशून्यता, अन्य व्यक्तियों और नई परिस्थितियों से अपने आप अलग करना ।
- चिंता, घबराहट, तुच्छ बातों पर चिड़चिड़ाना ।
- अपने लक्ष्यों के प्रति निरुत्साहित होना ।
- स्वयं के शरीरिक बाह्य दिखाव मे रुचि खो देना ।
- नशे या शराब की ओर झुकाव ।
विचार /अनुभूति जो स्वयं की असफलता के लिए हो सकते हैं :
- असफलता संबंधी विचार ।
- आत्माभिमान की कमी । लगातार अपने आपको कोसना ।
- शीघ्र निराश होना।
- असहयोग ,निराशा और निकम्मापन के विचार ।
- दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओ के लिए स्वयं को जिम्मेदार ठहरना ।
- भविष्य के लिए नकारात्मक और निराशावादी अपनाना ।
- यदि डिप्रेशन बहुत तीव्र है तो इसके साथ मतिविभ्र्म और मिथ्याविचार भी जुड़े होते है । सामान्यत: ये डिप्रेश्ड (अवसादित) मनोदशा के साथ होते हैं और अपराध ,व्यक्तिगत अपर्यापता या रोग के विचारों पर केन्द्रित हो सकते हैं ।
2. शारीरिक लक्षण :-
- सामान्य नींद की प्रक्रिया मे विघ्न पैदा होना (अधिकतर नींद का न आना, नींद का बार बार खुल जाना या प्रात: नींद उठ जाना और सामान्य नींद से अधिक सोना ) ।
- मंदगति होना – जैसे बोलने ,घूमने आदि मे मंद होना। परिवार के सदस्य या घनिष्ठ मित्र इस परिवर्तन को पहचानते हैं। हालांकि दूसरी ओर कुछ लोगों मे विपरीत लक्षण दिखाई देते हैं जैसे बैचेनी और अशांति ।
- भूख मे कमी और लगातार वजन कम होना या अधिक भोजन करना (चैन पाने के लिए भोजन ) परिणाम स्वरूप वजन का बढ़ना ।
- थकावट महसूस करना या शीघ्र थकान आना ।
- अजीर्ण (अपच) ,मुंह का सुखना ,मतली आना ,कब्ज और अतिसार ।
- मासिक धर्मचक्र मे अनियमितता ।
- यौवन क्रियाओं में कम भाग लेना ।
- लगातार सरदर्द , पेटदर्द, कमरदर्द , छाती-दर्द , पैरो और जोड़ो मे दर्द , भारीपन और पैरो मे पसीना आना ,श्वास लेने मैं कठिनाई आदि ।
डिप्रेशन के ये लक्षण कम से कम दो सप्ताह की अवधि के होने चाहिए और व्यक्ति को तकलीफ देह या सामाजिक जीवन या दैनिक कामकाज मे परेशानी करने वाले होने चाहिए । जिसके आधार पर डॉक्टर के द्वारा इस बीमारी का मुख्य निदान किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दी गयी Video देख सकते हो जिसमें हमने डिप्रेशन के लक्षणों की पहचान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
संदेश :-
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