जानिये नशा आखिर काम कैसे करता है ?
आप सभी addiction यानि नशे के बारे में काफी कुछ जानते होंगे लेकिन फिर भी सीमित शब्दों में कुछ ऐसी बातें लिखना चाहता हूँ, जो आज के youth के लिए बहुत जरूरी है।
Addiction या नशा दिमाग का दीमक है। चाहे छोटा हो या बड़ा ( निकोटिन यानी गुटखा, बीड़ी, सिग्रेट से लेके शराब, स्मैक, अफीम,हेरोइन, डोडा, भांग, कोकैन या MDMA, LSD आदि ) । ब्रेन पे इनका प्रभाव जिस प्रक्रिया से होता है वो यधपि एक जैसा नहीं है – स्मैक अलग method से कार्य करती है, शराब अलग तरीके से कार्य करती है ( Neurotransmitter level ) । लेकिन एक normal इंसान की जिंदगी को ये कैसे प्रभावित करते है ? इसे समझना बहुत आवश्यक है, ये प्रक्रिया जिसे मेडिकल Science “Reward System” कहती है ये हमारी जिंदगी का राज भी है।
ये राज कैसे हुआ ?? ये यूँ कि ये वो राज है जिसे अगर समझ जाये तो आपको पता चलेगा कि नशा हमें जो feeling दे सकता है, उससे कहीं ज्यादा आनंद हम ब्रेन के Reward system की Theory को समझके, उसे अपने जीवन में अमल करके ले सकते है। इसके लिए आप हमारी इस विडियो को देख सकते हो।
आप नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति से ढंग से बात करके देखो, वो कुछ इस तरह कह सकते है कि साहब हमें ये क्या हो गया था कि Middle class family से होने के बावजूद भी हमने पिछले 10 सालों में लगभग 25 लाख शराब पे उड़ा दिए। इन पैसो का बहुत कुछ हो सकता था। माँ के इलाज में, बहनों की शादी में, घर बनाने में एवं ओर भी बहुत कुछ । अब खुद परेशान हूँ, मुझे Guilt होती है, मैं आजाद नहीं हूँ, मैं नशे का गुलाम हूँ और इससे बाहर निकलने की जंग में लगभग अकेला हूँ।।
इसे समझना ही राज है …आओ थोडा दिमाग लगाते है…..
दोस्तों जितना बड़ा संसार आप बाहर देख रहे हो, उससे हीं ज्यादा बड़ा संसार आपके दिमाग (brain) में है। किसी कंप्यूटर के प्रोसेसर की तरह आपका ब्रेन हर वक्त कार्य करता है। आपके सोच – विचार , भावनायें और व्यवहार इसी पे निर्भर है। इसे थोड़ा विस्तार से समझे तो बुद्धि एवं मन (mind) में विभाजित किया जा सकता है। ये दोनों ( बुद्धि & मन ) एक दूसरे के पूरक है।
हमारा मन जिसे मेडिकल साइंस में Limbic system से समझाया जाता है। उसमें एक सेंटर होता है जिसे न्यूक्लियस accumbens कहते है। ये हमारी ख़ुशी, आनंद का आधार होता है। जब एक पिता अपने बच्चों के लिए 1 kg फल लेके आता है तो उसे जो ख़ुशी, जो feeling मिलती है वो यही Centre करवाता है। ये तो सिर्फ एक उदाहरण है ऐसे हजारो कार्य है जो हम सिर्फ इसलिए करते है कि ये सेंटर Activate हो और हमें आनंद की अनुभूति हो।
जैसे खाना, खेलना, मूवी देखना, डांस करना, दोस्त के साथ बातें करना यानी आपको जिस कार्य को करने के दौरान ख़ुशी या euphoria जैसा अहसास हो, समझ जाओ ये सेंटर आपके ब्रेन में Dopamine नामक रसायन ( Neurotransmitter ) से आपकी जिंदगी को खुशनुमा बना रहा है।।
अब बात करते है ये नशे कैसे कार्य करते है ??
ये नशे Direct हिट करते है इस सेंटर – “Nucleus Accumbens” को। प्रकृति ने खुशियों के लिए दिमाग में जो सर्किट बनाये। नशा इन्हें बाईपास करता है एवं बिना किसी वजह के Directly अपना प्रभाव दिखाके, इसे एक्टिवेट करता है। आसान भाषा में- गाँव में जब गाय या भैंस oxytocin हॉरमोन की कमी से दूध देना बंद कर देती है तो किसान Directly oxytocin हॉरमोन का injection लगाके दूध निकाल लेता है। यहाँ पे भी ठीक इसी तरह नशा इस center को डाइरैक्ट हिट कर dopamine release करवा, इंसान को आनंद, खुशी या रिवार्ड का अहसास करवाता है – यही Reward System का Bypass है।
यानी जो ख़ुशी किसी इंसान को घर में 2 kg सब्जी लाने से होती थी। आज वही या उससे ज्यादा ख़ुशी उसे एक शराब की बोटल लाने से होने लग गयी ओर सब्जी लाना एक बेवकूफी का सा काम लगने लगा।
उसके दिमाग के वो सारे सर्किट नैचुरल खुशी से संबन्धित थे, धीरे – धीरे नकारा होते जायेंगे और एक टाइम ऐसा आ जाता है कि घर, परिवार, बीवी, बच्चे, रिश्तेदार सब उसके लिए पराये से हो जाते है – प्यार रहता है तो एकमात्र नशे से, उसकी जिंदगी का एकमात्र यही सहारा रह जाता है। इसे मेडिकल Science – Drug Addiction कहती है एवं इसे एक बीमारी के तौर पे ठीक किया जाता है।
हाँ उसे अपनी इस स्थिति का अहसास होता है। उसे ये पता रहता है कि मैं जिस रस्ते पे चल रहा हूँ वो गलत है, मैं जो व्यवहार कर रहा हूँ वो गलत है। लेकिन ये उसकी मजबूरी हो जाती है जैसे किसी TB के मरीज को खाँसना एक मजबूरी है, ठीक वैसे ही।।
यहाँ पे एक सवाल – क्या इसे TB की तरह एक बीमारी माना जाना चाहिए ? आप सोचिएगा !!
आखिर एक संदेश :-
दोस्तो नशे पे अगर गहन स्तर पे सोचा जाए तो इसकी जड़ Reward System से जुड़ी है, एक इंसान अपने दोस्तों के साथ बिना किसी नशे के अपनी लाइफ enjoy करता है, वहीं दूसरी ओर एक को enjoy के लिए शराब का सहारा लेना पड़ता है, अगर ये सहारा ना हो तो कुछ कमी लगती है।
अतः आज आने वाली पीढ़ी को, खासकर कॉलेज, स्कूल्स के स्टूडेंट्स को एक special ट्रेनिंग की आवश्यकता है जो उन्हे बिना नशे के अपनी लाइफ की खुशियों को celebrate करना सीखाये।
इसके लिए सर्वप्रथम Parents को आगे आना चाहिए और स्कूल एवं कॉलेज स्तर पे ऐसे प्रोग्राम शुरू करवाने चाहिए।।
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धन्यवाद।।